बारिश के दिन थे और बारिश का मौसम तो प्यार का मौसम है, सबको ही पसंद होता है। छुट्टी का दिन था, प्रिया खिड़की के पास खड़ी होकर बारिश देख रही होती है। ठंडी हवा चल रही थी प्रिया बाहर के नजारे का लुफ्त उठा रही थी। और मन ही मन कुछ सोचकर मुस्कुरा रही थी।
प्रिया की शादी को 5 साल हो चुके होते हैं, लेकिन उसकी शादी उसके प्यार से नहीं होती है। उसकी शादी एक ऐसे इंसान से होती है जिससे वह प्यार ही नहीं करती है।
बारिश को देखते देखते वो विकास के बारे मे सोचती है जिससे वो बहुत प्यार करती थी, और उससे शादी भी करना चाहती थी। लेकिन अपने माता-पिता की वजह से वह एक दूसरे से शादी नहीं कर पाते हैं। उस समय दोनों का बहुत बुरा हाल हुआ था लेकिन किसी ने उन दोनों की बात ही नहीं सुनी थी।
प्रिया अपनी शादी को बहुत अच्छे से निभा रही थी जैसे एक बहू को निभानी चाहिए। वैसे वह अपने सास ससुर का भी ध्यान रख रही थी, और अपने पति का भी अच्छे से ध्यान रखती थी।
लेकिन उसके मन की तो कोई नहीं सुनता था और वह किसी को एहसास भी नहीं होने देती थी कि उसे इस शादी से कितनी दिक्कत है। लेकिन मजबूरी में और अपने माता-पिता की इज्जत के लिए वह शादी को निभा रही थी।
प्रिया किसी से कुछ नहीं कहती थी बस अपनी जिंदगी कैसे भी काट रही थी। वह खुद से ही बातें करती थी, कि मेरी तरह किसी और लड़की के साथ ऐसा ना हो, क्योंकि जिंदगी ऐसी हो जाती है कि जीने का भी कोई मतलब ही नहीं होता है।
लेकिन ऐसा था कि वह विकास को तो कभी भी भूल नहीं सकती थी और उसकी जगह किसी को भी नहीं दे सकती थी। उसकी शादी तो हो चुकी थी लेकिन लेकिन उसके लिए अभी भी विकास ही सब कुछ था।
शादी को 5 साल हो चुके थे और एक दिन उसके मन में ख्याल आता है, कि वह ऐसी जिंदगी कब तक जीएगी ऐसे घुट घुट कर कब तक जियेगी।
प्रिया अपनी जिंदगी से इतनी परेशान हो चुकी थी कि अब उसने यह सोचा था कि वह खुद को ही खत्म कर लेगी। क्योंकि ऐसी जिंदगी जीने से भी क्या ही फायदा, जिसमे दूसरों के लिए जियो और खुद को भूल जाओ।
एक दिन प्रिया के सास ससुर अपने किसी पहचान वाले से मिलने के लिए घर से बाहर चले जाते हैं। और उस दिन प्रिया से कह कर जाते हैं कि वह आज घर नहीं लौटेंगे कल सुबह ही घर आएंगे। प्रिया का पति भी घर पर रात को रोज 11:00 बजे तक आता है।
उस दौरान प्रिया सोचती है कि आज घर पर कोई भी नहीं है। तो उसके मन में बहुत उल्टे सीधे ख्याल आ रहे होते हैं, जिससे वह बहुत परेशान होती है अब प्रिया खुदखुशी करने के लिए पंखे पर अपना दुपट्टा टांग रही होती है।
लेकिन उस दिन प्रिया का पति घर पर जल्दी ही आ जाता है। क्योंकि उसका ऑफिस का काम जल्दी ही खत्म हो गया था। प्रिया का पति जब प्रिया को आवाज लगाता है, तो प्रिया कुछ भी नहीं बोलती है।
वह कमरे में जाकर देखता है तो प्रिया पंखे पर लटकने की तैयारी कर रही थी। वह प्रिया से पूछता है कि यह सब क्या चल रहा है यहां, तो प्रिया बहुत जोर-जोर से रोने लगती है।
प्रिया का पति उससे पूछता है कि तुम ये क्या करने जा रही थी। तुम्हें कुछ होश भी है। प्रिया थोड़ी देर तक रोती ही रहती है, और उसके सवालों का जवाब नहीं देती है।
प्रिया का पति फिर उससे प्यार से पूछता है, कि तुम अब मुझे कुछ बताओगी भी या नहीं। तो प्रिया उसे विकास के बारे में सब बताती है, तो उसका पति कहता है कि तो तुमने मुझे यह बात पहले क्यों नहीं बताई।
प्रिया कहती है कि मैं अपने माता-पिता की वजह से मजबूर थी, इसलिए इतने साल तुम्हें कुछ भी नहीं बताया।
प्रिया का पति उसकी पूरी बात समझता है, और प्रिया से कहता है कि तुम मुझे तलाक दे दो तुम्हारे माता-पिता को मैं समझा लूंगा। और तुम्हारी शादी भी विकास से करवाऊंगा।
अब प्रिया का उसके पति से तलाक हो गया था। उसका एक्स हसबैंड प्रिया के माता पिता को विकास और प्रिया की शादी के लिए भी मना लेता है। प्रिया के माता-पिता भी समझ जाते हैं और उन दोनों की शादी करवा देते हैं।
प्रिया और विकास उस लड़के का बहुत शुक्रिया करते हैं। और कहते हैं कि तुम्हारा यह एहसान हम कैसे चुकाएंगे तुमने तो हमें एक नई जिंदगी दी है। अब वह प्रिया और विकास को कहता है कि, अब तुम तुम्हारी जिंदगी जैसे जीनी है वैसे जियो। अब तुम्हें कोई रोकने टोकने वाला नहीं है।
प्रिया और विकास एक दूसरे के लिपटकर बहुत रोते हैं और साथ में खुश भी बहुत होते हैं कि अब वह दोनों जिंदगी भर साथ रहेंगे।
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