क्या कहानी है गांव के छोटे से सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले लड़के दिनेश की | दिनेश सरकारी स्कूल की 11वीं क्लास का छात्र है दिनेश बहुत ही होना लड़का है और वह क्लास का लड़कों का मॉनिटर भी है इस क्लास में नेहा नाम की एक लड़की है जो की लड़कियों में सबसे होशियार है और लड़कियों की मॉनिटर भी है
दिनेश नेहा को बहुत पसंद करता है उन दोनों को एक साथ एक क्लास में पढ़ते हुए 4 साल हो चुके हैं इतना समय बीत जाने पर भी दिनेश नेहा को कभी अपने दिल की बात नहीं बता सका नेहा के पापा गांव के सरपंच हैं और वह एक अमीर परिवार से है और दिनेश के पापा किसान है इस वजह से दिनेश अपनी दिल की बात नेहा को बताने से डरता है
दोस्तों द्वारा दिनेश को नेहा के नाम से चिढ़ाना
दिनेश के सभी दोस्तों को पता था कि दिनेश नेहा को पसंद करता है और इसीलिए दिनेश के सभी दोस्त नेहा के नाम से दिनेश को चिढ़ाते थे बहुत समय से ऐसा चलता आ रहा था तो धीरे-धीरे करते-करते सारी क्लास दिनेश को नेहा के नाम से चिढ़ाने लगी एक दिन नेहा की बेस्ट फ्रेंड नेहा से कहती है कि सारे बच्चे दिनेश को तेरे नाम से चढ़ते हैं तो तुझे एक बार देने से बात करनी चाहिए तो नेहा इस पर हंसते हुए कहती है कि कुछ नहीं बच्चे सब ऐसे ही चढ़ाते हैं और स्कूल की छुट्टी होती है और दोनों अपने-अपने घर चले जाते हैं
घर जाने के बाद नेहा रात भर इन्हीं बातों के बारे में सोचती है और रात भर दिनेश के ख्यालों में कोई रहती है वह सोचती है कि क्या सच में दिनेश उससे प्यार करता है
नेहा और दिनेश की बातचीत
दूसरे दिन नेहा क्लास स्टार्ट होने से पहले अपनी बेस्ट फ्रेंड से बोलता है कि दिनेश को बुलाकर लाओ फिर नेहा की फ्रेंड दिनेश को बुलाकर आती है और नेहा और दिनेश एक कोने में बैठकर बातचीत करते हैं निहाद दिनेश से पूछती है कि क्या तुम सच में मुझसे प्यार करते हो और यह बच्चे तुम्हें मेरे नाम से क्यों चिढ़ाते हैं इस पर दिनेश कुछ नहीं कहता है और वहां से उठकर चला जाता है
प्यार का इजहार
फिर एक दिन दिनेश बड़ी मुश्किल से नेहा से कहता है कि मुझे तुझसे बात करनी है और मुझे छुट्टी होने के बाद स्कूल के पीछे वाले बगीचे में मिलो छुट्टी होने के बाद दोनों वहां मिलते हैं तब दिनेश घबराते हुए अपने दिल की बात नेहा से कहता है की वह नेहा को बहुत पसंद करता है इस पर नेहा कुछ नहीं रहती और चुपचाप मुस्कुरा कर चली जाती है
धीरे-धीरे प्यार का बढ़ना
धीरे-धीरे समय के साथ उन दोनों का एक दूसरे को देखना देखकर मुस्कुराना और आपस में बातें करना बढ़ता गया इसी के साथ दोनों में एक दूसरे के प्रति लगाव और प्यार बढ़ता गया और दोनों ने एक दूसरे को अपने प्यार के बारे में बताया और दोनों ने एक साथ रहने का निर्णय लिया बस फिर क्या था दो प्यार के पंछी इस प्यार भरे रिश्ते में एक दूसरे के हो चुके थे
अब वह दोनों सुबह जल्दी एक दूसरे से मिलते और छुट्टी होने के बाद भी एक दूसरे से मिलते हैं धीरे-धीरे नजदीकियां बढ़ती गई और वह दोनों एक दूसरे की रूह से जुड़ गए
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